कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी वैक्सीन करेगी काम: स्वास्थ्य मंत्रालय
By: Pinki Tue, 29 Dec 2020 6:03:17
देश में कोरोना के नए मामलों में कमी देखी जा रही है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब सक्रिय मामले 2 लाख 70 हजार से कम हैं और यह भी लगातार घट रहे हैं लेकिन कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। भारत में भी इसकी एंट्री हो गई है। देश में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के कुल 6 केस मिले हैं। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन नए स्ट्रेन पर भी प्रभावी होगी। लोगों को नए स्ट्रेन से घबराने की जरूरत नहीं है।
नए वेरिएंट के खिलाफ भी काम करेगी वैक्सीन
भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन ने कहा कि कोरोना वैक्सीन ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले नए वेरिएंट के खिलाफ भी काम करेगी। इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि वर्तमान टीके इन COVID19 वेरिएंट्स से बचाने में नाकाम रहेंगे। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यूके वेरिएंट की खबर आने से पहले, हमने प्रयोगशालाओं में लगभग 5,000 जीनोम विकसित किए थे। अब हम उस संख्या में काफी वृद्धि करेंगे।
Prior to the news of the UK variant came in, we had done roughly 5,000 genome sequences across labs. Now we'll be significantly increasing that number & would be working in a coordinated manner: Union Health Secretary Rajesh Bhushan pic.twitter.com/7CVNsl8Ysv
— ANI (@ANI) December 29, 2020
ICMR के डीजी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम वायरस पर बहुत अधिक इम्यून प्रेशर न डालें। हमें ऐसी थेरेपी का प्रयोग करना होगा जो लाभ देने वाली हैं। यदि फायदा नहीं होता है तो हमें उन उपचारों का उपयोग नहीं करना चाहिए अन्यथा यह वायरस पर प्रेशर डालेगा और यह अधिक म्यूटेट करेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि INSACOG एक महत्वपूर्ण विकास की स्थापना है, जो देश भर में सरकार की 10 प्रयोगशालाओं का एक संघ है जो कोरोना के जीनोम अनुक्रमण के साथ-साथ उस वायरस के किसी भी प्रकार का अनुक्रमण करता है। ये प्रयोगशालाएं आईसीएमआर, बायोटेक इंडिया, सीएसआईआर से संबंधित हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि नए स्ट्रेन ने कई देशों की यात्रा की है। ऐसे में हमें सावधान रहने की जरूरत है। वायरस के प्रसार को दबाना आसान है, क्योंकि ट्रांसमिशन की चेन छोटी है। उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले 20 में से 1 यात्री का यूके वैरियंट का टेस्ट किया जाएगा।
जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी
आपको बता दे, भारत में नए कोरोना स्ट्रेन के छह मरीज मिले है। ये सभी हाल ही में ब्रिटेन से लौटे थे। इनमें से तीन सैम्पल बेंगलुरु, दो हैदराबाद और एक पुणे के इंस्टीट्यूट भेजे गए थे। इनमें तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के एक-एक सैम्पल में नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई। बाकी तीन मरीज कर्नाटक के हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने मंगलवार को बताया कि 9 से 22 दिसंबर के बीच भारत आए इंटरनेशनल पैसेंजर्स, जो सिंप्टोमैटिक या संक्रमित पाए गए हैं, उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी।
मंत्रालय ने बताया कि राज्य सरकारों ने इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में अलग पृथक-वास कक्षों में रखा है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है। उसने बताया कि इन लोगों के साथ यात्रा करने वाले लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। अन्य नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है। 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से लगभग 33 हजार यात्री भारत आए। इनमें से अब तक 114 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कुछ और सैम्पल्स में नए जीनोम का पता लगाया जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा, 'हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही है और सतर्कता बढ़ाने, संक्रमण को रोकने, जांच बढ़ाने और नमूनों को आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है।'
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